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हिंदी कविता पहाड़ की व्यथा पहचान बदल इंसान शीश लुटे सरेआम गया hindikavita कल आज और कल डिग्रियां बिकती इंसान स्वार्थी दुबारा स्मार्टफोन समय बदल गया अब गांव कपड़ों मेरे मन का पहाड़ बेटा जीत गया वक्त

Hindi बदल गया इंसान Poems